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सोमवार, 24 अक्तूबर 2011

bus yoo hi

बेसाख्ता किसी को चाहते चले  जाने का मोसम हमने जिया है........मुहब्बत के एहसास में  भीगे हैं कई बार..........खामोश से उन लम्हों में कई ख्वाबो को खयालो से निकल कर आँखों में समाते हुए महसूस किया है हमने,जिन्हें अब तक पलकों में सहेज के रक्खा है मेने .......आओ प्यार की उन लम्हों  को दुबारा अपने आँखों में सजाये........आओ प्यार की नयी  कहानिया फिर बनाये.........आओ फिर संग संग दीप जलाये 

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