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शनिवार, 26 नवंबर 2011

aatmvishvaas jeene ki kala

आत्म विशवास का मोटे तौर पे अर्थ है अपने ऊपर भरोसा होना.या हम अपने आप को कितना या किस तरह स्वीकार करते हैं हमारा अपने प्रति जो विशवास है,जो हमारा हमारे बारे में अनुभव है और जो हमारा अपने प्रति द्रष्टिकोण है वही आत्म विशवास है .आत्मविश्वासी होने का अर्थ ये कदापि नहीं है की उस व्यक्ति से किसी प्रकार की गलती नहीं होती.या वह पूर्ण है.कभी कभी दूसरो की आलोचनाये भी ऐसे व्यक्ति को मिल जाती है.लेकिन आत्म विश्वासी लोग आलोचनाओं से घबराते नहीं बल्कि उन गलतियो से सीख ले कर आगे बढ़ते है और सफल होते हैं.आयिए देखे की आत्मविश्वासी व्यक्ति में कौन कौन से गुण होते है
*वह कठिन परिस्थितियो से घबराता नहीं है बल्कि हिम्मत से सामना करता है
*वह आशावादी  होता है.
*वह दुसरे के द्रष्टिकोण को भी समझता है
*वह हमेशा सीखने को तत्पर रहता है
*वह वार्तालाप और संवाद स्थापित करना जनता है तथा कब  चुप होना चाहिए ये भी जानता है
*वह अपनी अंतरात्मा जिसे जमीर कहते है की सुनता है और उसका अनुसरण भी करता है
*वह अपनी योग्यता और क्षमताओं का सही आकलन करता है
*वह अपने दायित्वों को और जिम्मेदारिओ को समझता है और उसका निर्वाह करता है
*वह मर्यादित और अनुशासन प्रिय होता है
*वह संवेदनशील होता है तथा दुसरे की पीड़ा समझता है
जब तक हम अपनी उपयोगिता नहीं समझेगे तब तक हम में आत्म विशवास नहीं आ सकता.इसलिए जरूरी है की अपने अंतःकरण की आवाज को सुनते हुए अपने आप पे भरोसा रखे.

मंगलवार, 22 नवंबर 2011

chitro se janiye apne bachche ko

आम  तौर पर बच्चे स्कूल में या घर पर कॉपी में चित्र बनाते हैं.यदि बच्चा अपनी कल्पना शक्ति से अपनी मर्जी से चित्र बनाता है तो उसके द्वारा बनाई गयी आकृति कही न कही उसके व्यक्तित्व को या उसकी  इच्छाओ को दर्शाती है आयिए जाने की केसे ------
१.फूल-कॉपी पर अक्सर फूल बनाने वाले बच्चेसंवेदंशील तथा ईमानदार होते हैं.कला विज्ञान एवं फैशन डिजाइनिंग में इनकी रूचि होती है
२.पैड पौधे -ये बच्चे लगनशील धर्यवान और परिश्रमी होते हैं
३.घर-घर का खाका खीचने वाले सुरक्षा की चाहतरखने वाले होते हैं   ये झगडे से बचते है बहसबाजी इन्हें   पसंद नहीं आती   है
४.दिल-दिल बनाने वाले बच्चे मनमौजी होते हैं लेकिन गुस्सेल होना भी इनका एक  अवगुण हो सकता है
५आखे  -ऐसे बच्चे मीन मेख निकलने वाले होते हैं .अपनी चीजो को इन्हें शेयर करना ज्यादा पसंद नहीं होता
६.तारे-ऐसे बच्चे स्वाभिमानी होते हैं और सुच यानि यथार्थ में जीने वाले होते है
७बादल-बदल नव बनाने वाले बच्चे दिवा स्वप्ना में खोने वाले होते हैं.
तो जब भी आप बच्चे के बनाये चित्र देखे तो उन्हें यूं ही न जाने दे क्योकि बच्चे का हर चित्र कुछ न कुछ जरूर कहता है........

सोमवार, 21 नवंबर 2011

aasha vaadi jeene ki kala

मेने एक गीत सुना था की 'गम की अँधेरी रात में ,दिल को न बेकरार कर ,सुबह जरूर आएगी,सुबह का  इन्तजार  कर
लाख  अँधेरा हो ,पर यदि ये आस हो की हर रात की सुबह होती है और हमारे  गम से  भरी रात भी  खुशनुमा        सुबह में बदले  गी  तो  जीवन  बहुत  आसान  लगने लगेगा .इसके लिए बस आशा वादी   बनिए .जीवन में सकारात्मक सोच रखना ही जिन्दा दिली कहलाती  है.मुह लटकाने वाले को कोई पसंद नहीं करता.हमे अकेले ही रोना  होता    है.शोध  बताते  हैं की जब  हम सोचते  है तो उस  वक्त  हम एक शक्तिशाली  चुम्बक बन  जाते  है.और अपनी  सोच के  मुताबिक  ही आस पास  की ऊर्जा को अपनी तरफ खींच  ने  लगते  हैं.अगर  सोच नकारात्मक  है तो नकारात्मक ऊर्जा हमे घेर  लेती   है.और यदि हम सकारात्मक सोच रहे हैं तो सकारात्मक ऊर्जा अपना आभा मंडल हमारे चारो तरफ बिखेरने लगती है और वो व्यक्ति ज्यादा  खुश और ऊर्जावान दिखने लगता है.खुश रहने के लिए सुबसे पहले अपने लिए अच्छा सोचना शुरू कीजिये.में फिट हूँ.में सारे दिन कुछ न कुछ करता रहूगा.में खुश रहूगा में आज किसी पर नाराज नहीं हो ऊँगा ये सकारात्मक सोच धीरे धीरे आपकी   आदत बन जाएगी  और मेरा   यकीं मानिये आप अपने आपको ज्यादा स्वस्थ खुश और ऊर्जा वांन  महसूस करेगे.आशा वादियो पर कई शोध हुए है वे बताते है की आशा वादी व्यक्ति में सीखने की छमता ज्यादा होती है.उनमे रोग प्रतिरोधक ता भी ज्यादा होती है.हमारी सोच हमारे जीवन पर असर डालती है.हमारी अनुभूतिया ब्रहमांड में तरंग भेजती है.और तरंगे प्राप्त करती हैं.यदि आप नेगेटिव  सोचेगे तो जिन्दगी में नकारात्मकता निराशा बढ़ेगी .इसलिए आशा वादी बनिए.थिंक पोजीटिव  बी   पोज टिव .

रविवार, 20 नवंबर 2011

safed jhoot yaani positive soch.........

हर रिश्ता विशवास पर टिका होता है.तो फिर झूट की गुंजाइश ही कहाँ है.लेकिन कई बार हम सिर्फ अपने से जुड़े व्यक्ति को खुश करने के लिए भी बिना बात झूट भी बोलते है जिसे सफ़ेद झूट कहते है.इस से किसी का कोई नुक्सान नहीं होता बस इसके पीछे किसी को ठेस न पहुच जाये ये positive  सोच होती है आये देखे हम कौन कौन से सफ़ेद झूट अक्सर बोलते हैं-----
१-नहीं इस ड्रेस में तुम ज्यादा मोटी नहीं लग  रही
२- ट्राफ्फिक जाम में फस गयी थी इसलिए लेट हो गयी
३-अरे ये मेने नहीं किया
४सिर्फ़ ५ min  में खाना लगाती हूँ
५मेरि उम्र.........?२९ अब ३० कहना ज्यादा ठीक नहीं लगरहा
६-फ़ोन आये तो कह देना में घर पर नहीं हूँ
क्योकि कहा भी है की सच  कडवा होता है तो सच  बोल कर यदि किसी को दुःख पहुचता है तो एसा सच  नहीं बोलने में ही भलाई है.अक्सर लोग किसी अनचाही स्थिति से बचने के लिए इस तरह के सफ़ेद झूट का सहारा लेते हैं.
शोध बताते है की लोग अपने आप से भी झूट बोलते हैं जेसे हमने किस तरह और कितना खाया,योग किया या नहीं लेकिन सफ़ेद झूट बोलने वालो का एक positive  पहलू भी है लोग उन्हें ज्यादा पसंद करते है.और इसे लोग ज्यादा खुश भी रहते हैं.लेकिन कभी कभी ये झूट भी भारी पड़ सकता है और आपसी  संबंधो में दरार भी डाल सकता है इसलिए आपको कितना और कब झूट बोलना है ये आपको खुद तै करना है.जहाँ तक संभव हो जीवन साथी से झूट न बोले.और यदि झूट  पकडे जाने  की थोड़ी सी भी सम्भावना हो तो झूट कदापि न बोले 

शनिवार, 19 नवंबर 2011

dil kaa sambandh daato se

जब  मेने  ये  पढ़ा   तो  बहुत  ही  अजीब  लगा, भला  dil  का  दांतों  से  क्या  लेना  देना  lekin ये सही है  असल में हमारे मसूडो में पायरिया नामक रोग एंट अमीबा जिन्जेवेलिस नाम के एक जीवाणु द्वारा फैलता  है ये जीवाणु मुह के द्वारा हिर्दय में पहुच कर वहा के वाल्व जो रक्त परिवहन में महत्व पूर्ण  भूमिका निभाते है को खराब कर देते हैं.जिस से heart  blochege  या दिल का दौरा  हो सकता है.इस लिए यदि आप को पायरिया है तो दिल के प्रति भी साव धान रहे और.और अपने दांतों की सफाई का भी विशेष ध्यान रखे
इसके अलावा ज्यादा चाय काफी पीने वाले भी सावधान रहे क्योकि चाय में कफीन पाया जाता है जो धमनियों को सिकोड़ता  है और दिल के दौरे की संभावना बढ़ता है 

janie apne aapko

यूं तो इस दुनिया में जितने लोग होते हैं उतने ही तरह के व्यक्तित्व भी होते है.लेकिन किसी व्यक्ति के व्यक्तित्व को जाने बगैर उसके साथ किस तरह वर्ताव किया जाये ये बहुत ही सोच विचार का विषय है.अगर मोटे तौर पे देखा जाये तो हम व्यक्ति के व्यवहार से काफी कुछ सीख सकते है.इन्ही व्यवहार के आधार पर व्यक्ति कई प्रकार के हो सकते है जेसे...........
१.परफेक्शनिस्ट -ये लोग बहुत जागरूक होते है इनके लिए इनकी योजनाये बहुत मायने रखती है फिर वो चाहे बाज़ार जाना ही क्यों न हो .लेकिन इनकी येही आदत कभी कभी दूसरो के लिए या स्वयं अपने लिए भी तकलीफ दायक  हो जाती हैक्योकी मन मुताबिक़ काम न होने पर ये अपसेट  हो जाते है.
-प्रोवाइडर -ये लोग दूसरो का बहुत ख़याल रखते है.लेकिन बदले में दुसरे से भी यही उम्मीद भी रखते है.अगर इनको बदले में बराबर का न मिले तो ये निराश भी होने लगते हैं
३-रोमांटिक.-ऐसे लोग जिंदगी में खूबसूरती के अहसास को जगाने के लिए प्रयास रत रहते हैं .इनका मूड स्थाई नहीं होता पल पल में बदलता रहता है
-थिंकर-ये ज्यादा सोच विचार वाले व्यक्ति होते है हर बात को अलग तरह से सोचते है इसलिए इनका निभाव मुश्किल होता है
व्यक्ति केसा भी हो प्रेम में हर इंसान को अपने अनुकूल बनाने की ताकत होती है.
इसके अलावा और भी कई तरह के लोग होते हो जेसे---------
आलोचक-ये बिना बात के क्किसी न किसी बात की आलोचना करते रहते है
दिल फेंक -इन के विषय में तो जेसे त्रिया चरित्र नहीं समझ सकते वेसे ही कहना मुश्किल है.
दिवा स्वप्न देखने वाले-इनकी दुनिया एक कल्पना लोक होता है जो यथार्थ  से परे होती है .
उपरोक्त तीन तरह के लोगो को तो सिर्फ एक ही सुधार सकता है वो है भगवान्
आयिए दुआ करे की हम अपने जीवन को एसा बनाए की दूसरो के जीवन में सरसता लाये और अपने जीवन में शान्ति ........आमीन 

शुक्रवार, 18 नवंबर 2011

10 compliments jo har mahila sun na chahti hai..........

महिलाओं के दिल को जीतना या उन्हें इम्प्रेस करना बहुत मुश्किल है लेकिन कई ऐसी बाते है जो अगर प्रशंसा या जिन्हें हम कोम्प्लिमेंट्स कहते है   हर महिला शायद सुन ना    चाहती होगी आये देखे वो कौन कौन सी है.१.तुम intelligent हो......हर महिला अपने को beauty  विद  ब्रेन कहलाना पसंद करती है
   २तुम्हारि मुस्कराहट बहुत प्यारी है
   ३तुम बहुत खूबसूरत हो
   ४तुम्हारि पर्सोनालिटी बहुत अच्छी है
   5तुम्हारे हाथ का खाना बहुत बढ़िया बनता है
   6 तुम मेरी आदत खराब कर दोगी इतना प्यार दे कर
   ७तुम बहुत स्मार्ट हो
    ८ तुम केसे इतने कम पेसो में इतनी अच्छी तरह घर चलाती हो
   ९ में तुम्हारे बगैर अधूरा हूँ
   १० जानू तुम्हारा कोई जबाब नहीं
आप चाहे तो इन टिप्स को अजमा सकते हैं..........

e khuda tere karam ki.........

ए खुदा तेरे करम की ,नजर किधर न हुई
कौन एसा है की जिस पर तेरी नजर न हुई
माना किस्मत में अँधेरा है मगर ये तो बता
क्या कोई शाम है जिसकी कोई सहर न हुई
वो भी क्या दिल है जो रोया न दुःख में औरो के
वो भी क्या आँख है जो आंसुओ से तर न हुई
अब मसीहा ही बचाए गे मुझे आ कर के
इस ज़माने की दवा कोई कारगर न हुई
इ खुदा तेरे करम की...............

बुधवार, 16 नवंबर 2011

hai ri bidai

यह बात उस समय की है जब में घिरोर नामक कस्बे में पोस्टेड थी .यह क़स्बा up  के शिकोहाबाद के पास है .जहा से छोटी लाइन की ट्रेन चलती थी
आस पास के गाँव के लिए ये ट्रेन यात्रा का सुखी साधन था तो मेरे लिए वह मनोरंजन का भी साधन थी.क्योकि कभी कभी मुझे आस पास के गाँव में भी जाना पड़ता था तो में उसी पसेंजेर से यात्रा करती थी.घिरोर के पास एक और क़स्बा है कौरारा.जो घिरोर जाते आते समय रास्ते में पड़ता था.एक दिन जब ट्रेन कौरारा स्टेशन पर रुकी तो एक व्यक्ति अपनी दुल्हन को विदा  करा कर ले जा रहा था.(गाँव में लडकिया सावन के महीने  में मायके आ जाती है और माह दो माह रह कर जब कोई लिवाने आता है तो वापस जाती है)तो वही दृश्य था.लड़की लम्बा सा घूघट निकाले हुई थी और रो रही थी.आंसू थे या नहीं मालूम नहीं पर रो बहुत जोर से रही थी(ये भी एक प्रथा है शायद)उसको छोड़ने उस लड़की का भाई भी था और भी लोग होंगे.जेसे ही ट्रेन चलने को हुई लड़की और जोर से रोने लगी .मेरा मन द्रवित हो उठा.ट्रेन खिसकने लगी तो वह अपने भाई से चिपट गयी और बहुत जोर जोर से रोने लगी .दृश्य बड़ा ही भारी था.मेने सोचा की अरे अगर और रहना चाहती है तो रह लेने देते.शायद ससुराल वाले दुखी रखते होंगे.सभी यात्रिओ  की सहानुभूति उस लड़की के साथ और जमाई राजा कसी.इधर लड़की भाई को छोड़ने को तैयार नहीं एक बार लगा की कही भाई ट्रेन के साथ ही न घिसटने लगे सो जबरदस्ती भाई का गला लड़की की बाहों से मुक्त कराया.में बहुत दुखी थी और सोच रही थी की जरूर पूछोगी की बहन तुझे क्या कष्ट है.जेसे ही ट्रेन स्टेशन को पार कर गयी लड़की ने झट से अपना घूघट उठाया और जमाई राजा के कंधे पे हाथ मार कर बोली" काहे कल चो नाही लिवावे आये.ट्रेन के डिब्बे में एक हसी का फब्बारा छूट गया और में तो हतप्रभ हो कर बस इतना ही कह पायी "हाय  रे बिदाई"

रविवार, 6 नवंबर 2011

apne apne daant

में एक परमार्थ हॉस्पिटल में सेवार्थ जाती हूँ.ये हॉस्पिटल मुरेना शहर  के एक प्रतिष्ठित डा.साहब द्वारा संचालित है.वे शहर के प्रतिष्ठित डेंटिस्ट हैं .अतः कई मरीज निशुल्क दांत दिखने भी आते हैं.वही पर मेरा परिचय कई नियमित आने वाले मरीजो से हुआ.उनमे से एक है हीरा लाल जी.
                    हीरा लाल जी वेसे तो गोरे चिट्टे पहलवान टाइप करीब सत्तर साल के बुजुर्ग है.लेकिन अपने दांत दर्द से बहुत परेशान  थे.मेने सहानुभूति वश उनसे पूछा अंकल क्या हुआ?वे बोले बेटा कल जब में उड़द की दाल खा रहा था तभी  मेरे दांत के नीचे कंकड़ आया.मैने अपने आगे के दांत पीसते हुए पत्नी को बुला कर कहा "क्यों दाल ठीक से नहीं बीनी".अब पत्नी तुनक कर बोली" दाल में नही आपके मुह में पत्थर होगा".बेटा सच  में यही बात थी आइना देखा तो जिन दांतों पर जवानी में लडकिया मरा करती थी,जिनके पीसने पे अच्छे अच्छे पहलवान के पाँव उखड जाते थे वो ही उखड़े उखड़े से थे.
            मैने कहा अरे अंकल दांत उखडवा कर दूसरे लगवा लो सरकारी पद है एक अपदस्थ तो दूसरा पदासीन.वे बोले हाँ ठीक है लेकिन बेटा मेरा सात साल का नाती जिसके दांत गिर रहे हैं मुझे अपने बराबर का समझ ता है कहता है-"बाबा आप भी खुड्डा में भी खुड्डा"(जिसके दांत टूट जाते है उन्हें खुड्डा कह कर चिढाया जाता है) वो मेरा शक्ति परिक्षण करता है कहता है बाबा मोमबत्ती फूक कर बुझाओ.बाबा फूफा जी बोलो.
               उनकी दन्त गाथा सुन कर  मुझे हँसी आ गयी में मुह मोड़ कर हँसी की वे ठंडी सांस ले कर बोले "अपने अपने दांत'

शुक्रवार, 4 नवंबर 2011

tumhare bina

यह जो भोर की पहली किरण
ओस से भीगे पत्तो का संबोधन
झील पर तैरती तुम्हारी कुछ यादे
और धुआं धुआं फेली दूर तलक रौशनी
सुर्ख फूलो से लदे गुलमोहोर
सर्द गर्म अहसास से सराबोर फिजाये
तुम्हारे बिना,
केवल प्रतीकों से संवेदन हीन
गुलाबो के  बिखरते मनमोहनी रंग
जेसे रागिनी बनते प्रीत पात्र
किसी के लिए प्रेम का प्रतीक
किसी के लिए प्रभु का अर्पण मात्र
तुम्हारे बिना
मुरझा गया मेरे जज्बातों का खिला गुलाब


शनिवार, 29 अक्तूबर 2011

mithi jhidki

बिहार  की  राजधानी  पटना 
वहा हो गई एक घटना
एक बुड्डा एक बुढिया
होतो पे लाली आँखों पे चश्मा लगाये
हाथो में हाथ डाले बड़ी शान से एक रेस्टोरेंट में आये
बुड्ढे ने बड़े रोब से वेटर को बुलाया और
एक शानदार सा लंच मंगवाया
पहले बुड्डे ने खाया बुढिया प्यार से देखती रही
फिर बुढ़िया ने खाया बुड्डा प्यार से निहारता रहा
हमने कहा अरे ओ लैला मजनू की भटकती आत्माओ
अगर इतना ही प्रेम है तो अलग अलग क्यों खाते हो 
एक दूजे को प्यार से क्यों निहारे जाते हो
बुड्डा बोला बेटा इरादा तो तुम्हारा नेक ही है
पर मजबूरी है क्योकि दांतों का सेट एक ही है 

सोमवार, 24 अक्तूबर 2011

bus yoo hi

बेसाख्ता किसी को चाहते चले  जाने का मोसम हमने जिया है........मुहब्बत के एहसास में  भीगे हैं कई बार..........खामोश से उन लम्हों में कई ख्वाबो को खयालो से निकल कर आँखों में समाते हुए महसूस किया है हमने,जिन्हें अब तक पलकों में सहेज के रक्खा है मेने .......आओ प्यार की उन लम्हों  को दुबारा अपने आँखों में सजाये........आओ प्यार की नयी  कहानिया फिर बनाये.........आओ फिर संग संग दीप जलाये 

रविवार, 23 अक्तूबर 2011

live with fun: ghoshnae

live with fun: ghoshnae: हो रही हैं घोषणाए बस सुनाने के लिए आ गए सब औपचारिकता निभाने के लिए आर्थिक अपराध पथ पर खोजता है जीविका विवशता है चाहिए पैसे जी जाने के लिए ...

शनिवार, 22 अक्तूबर 2011

ghoshnae

हो रही हैं घोषणाए बस सुनाने के लिए
आ गए सब  औपचारिकता निभाने के लिए
आर्थिक अपराध पथ पर  खोजता है जीविका
विवशता है चाहिए पैसे जी जाने के लिए
जान देने और लेने को हैं तैयार वो
न जाने कौन सी जेब है खंजर छिपाने के लिए
और कितने संस्कारों का दमन करेगा इंसान यहाँ
है खुला आकाश अपनी पहचान छुपाने के liye

गुरुवार, 20 अक्तूबर 2011

vaah vaah sheela

पत्नी गुस्से में आई और आ कर चिल्लाई
अजी सुनते हो देखो ये क्या कह रहा है
पति हैरान ये कौन है जो पत्नी के सामने kuch कह पाने की हिम्मत रख  रहा है
पत्नी फिर से चिल्लाई सब तुम से सीख रहा है तुम जो पूरे दिन आँखे सेकते रहते हो सुपुत्र ये नहीं कहेगा तो और  क्या कहेगा
अब पति मिमयाया अरे बोलने  को तो आपने ही पटेंट करा लिया है में तो मूक बधिरों का समाचार हूँ सर हिला कर वो भी हाँ में सुब बात मान लेता हूँ अगर ये कुछ कह रहा है तो ये तो आपका ही बेटा हुआ
पत्नी चिड कर बोली तुम्हे तो कोई होश नहीं इसे नर्सरी में भेजने के लिए में इसे सिखा रही थी वाट इज योर नेम
तो बोलता है मई नेम इज शीला शीला की जवानी
पति मुस्कराया बेटे को प्यार से गले लगाया मन ही मन सरस्वती  और उसकी नयी सहायिका शीला को प्रणाम किया जिसने मेरे बालक के प्रथम विद्या अर्जन में योगदान दिया.वेसे इस गाने को बच्चो की कविताओ में शामिल कर ही लेना चाहिए और ज से जहाज नहीं जलेबी बाई सिखाना  चाहिए 

मंगलवार, 18 अक्तूबर 2011

jai ho sensex devta

मेरे बड़े भाई हैं जो एल आइ सी में उच्च पद पर कार्यरत हैं जाहिर  है की वे बाज़ार की अच्छी जानकारी रखते हैं.अरे में शेयर बाज़ार की बात कर रही हूँ.एक बार मुझे उनके ऑफिस में जाने का मौका मिला उस वक्त वे अपने किसी दोस्त से बात कर रहे थे .मैने उनकी बाते समझने की कोशिश की लेकिन सिवाय कुछ शब्द जेसे निफ्टी सेंसेक्स कल और  गिर सकता है.आज तो सेंसेक्स उड़  गया.बात चीत का ये तरीका मेरे लिए थोडा थोडा नया था.दोस्त के जाने के बाद मैने पूछ लिया  भाई  ये सेंसेक्स कैसे  उड़ता है
.वो बोले अरे उड़ने का मतलब  जैसे  छत उड़ जाती है
.मैने फिर पूछा भाई ये छत कहा पाई जाती है
.वे बोले जहा दलाल स्ट्रीट होती है.
भाई दलाल की छत उड़ने से आपका दोस्त क्यों दुखी था
क्योकि ये दलाल के भरोसे था.
अब मेरी जिज्ञासा थोड़ी और बड़ी भाई ये दलाल कौन होते  है
ये वो हैं जो तय करते हैं की देश को किधर जाना चाहिए
ये काम   तो नेता करते है यानी वे भी दलाल हैं
भाई बोले कुछ नयी बात पूछो ये तो सुभी जानते है.लेकिन इन दलालों की दिशा और दशा सेंसेक्स से  बदल गयी है
अरे तो इसे सुधारो इतने बवाल की क्या जरूरत है मैने किसी ज्ञानी की तरह  कहा
अरे ये बाज़ार में भूचाल का मामला है बेटा जिस नेसब  तहस नहस कर दिया
तो भाई लोगो को पी  चिदंबरम से कह कर नया बाज़ार बनवा लेना चाहिए
अरे वे तो तरलता से निपट रहे है
अरे अब ये तरलता सरलता की चचेरी बहन है क्या?
तरलता मतलूब अर्थव्यवस्था.देखो बाज़ार में खुले पेसे नहीं होगे तो बाज़ार केसे चलेगा
तो सरकार नए खुले पेसे और छपवा कर बाज़ार में क्यों नहीं देती फिर तो तरलता ही तरलता 
अरे तुम मुद्रा और अर्थ व्यवस्था में अंतर नहीं समझती सेंसेक्स संभलेगा तो तरलता सुधरेगी
और फिर वो आंधी?
मेरी समझ में अब भी नहीं आया की लोग एक पल में राजा  भोज और दुसरे पल ही गंगू तेली केसे बन जाते हैं
भाई बोले बस इतना समझो की देश की अर्थ व्यवस्था ये दलाल  ही सुधारेगे
भाई तो फिर इन्हें दलाल नहीं दलाल देवता कहना चाहिए.
इन दलालों का आम जीवन की शांति से क्या ताल्लुक है भाई का दोस्त केसे प्रसन्न होगा किस देवता को पूजना चाहिए ये तो दलाल देवता ही जाने.वो दिन दूर नहीं जब ॐ दल्लाल देवता ॐ सेंसेक्स शांति शांति के मंत्र हमारी पूजा में जगह ले लेगे  




सोमवार, 17 अक्तूबर 2011

fun shayri

"जिन" में बसे जानकी '"रम" में बसे राम
व्हिस्की में बसे विष्णु,और शैम्पेन में बसे श्याम
किस किस का त्याग करू मैं
har बोतल में भगवान् 

किस किस को याद kijiye किस किस को रोइए
आराम बड़ी चीज है मुह ढक कर सोइए

रविवार, 16 अक्तूबर 2011

FUAAR

संता कपडे की दुकान par काम करता था
ग्राहक-जरा andervear तो दिखाना
संता-सॉरी"आज पहना नहीं है"
                                     २
संता डॉक्टर से-डॉक्टर साहब मुझे एक के दो नजर आते हैं
डॉक्टर-क्या तुम दोनों को एक सी बीमारी है
                                    ३
हिंदी teacher संता से-काल कितने प्रकार ke hote हैं
संता तीन प्रकार के
१-std काल
२ मिस काल
३-सत श्री अ काल
                                   ४
सिगरेट की परिभाषा
सिगरेट वो vastu होती है जिसके एक तरफ dhooaan होता है
और दूसरी तरफ एक bevkoof


शुक्रवार, 14 अक्तूबर 2011

maa

माँ के लिए  स्वयं को खोजना,
फिर से शिशु हो जाना है,
मेने अपनी माँ की आँखों में ,अपने को इसी तरह देखा है
                                               २सत्य का sparsh
बदलो के छटते ही 
दिशाएं एक दम पारदर्शी हो गयी हैं,
हवा की तरह बहते,
सत्य के शीतल स्पर्श से,
कितने हलके हो गए हैं हमारे मन
हो जाता है अकस्मात व्यक्ति के भीतर ही भीतर,ये केसा ऋतु parivartan

teen vardaan se savdhan

ek ladke ne bahut tapasya ki jis se bhagvan prakat hue aur us se teen vardan magne ko kahe-
bhagwan-bata teri pahli ichchha kya hai
ladka-Bhagvan mujhe bahut sara pesa mile
Bhagvan-TATHASTU
ladka-mujhe bahut bada ghar mile
Bhagvan-Tathastu
ladka-meri duniya ki sabse achchhi aurat se shaadi ho jaye
Bhagwan-TATHASTU
(bhagvan ke tathastu kahte hi MOTHER TERRESA  shadi ke liye aa gayi)
                                                   2 FACE BOOK
bhikari-Madam kuch pese de do
Madam-are tumhari shakal to kuch pahchani si lug rahi hai
Bhikari-Bhool gayi kal hi to face book pe chat ki thi
                                             

बुधवार, 12 अक्तूबर 2011

fun shayri

Panghat pe khadi thi gori,
lajaye hue, sir ko jhukaye hue,balo me mukhda chhupaye hue
paas ja kar dekha to nikle
SARDAAR JI NAHAYE HUE
                                                      2
sardar ji to Mahatma
baba ye bataiye ki apme itni akal kese hai ki log apko poojte hain
BABA-beta hamare paas ye choti hai isme akal hoti hai
sardar-Are mere paas to kitne lambe baal hai aur dadi bhi to fir mujhe log bevkoof kyo kahte hai
BABA-beta akal to tumhari bhi choti me hi hai lekin afsos dadi me se EARTHING ho jati hai

jokes

girl------kya aap mere chehre se ek cheej hata sakte hain
boy khush hokar--haan haan batoa kya hataoon
girl-----apni kutte jesi najar
 2-lallu to a plastic surjon-mujhe rabdi ji ki plastic surgery karani hai kitna kharch aayega
 doctor-1 lack
laalu- are ye to bahut hi jyada hai,aur agar plastic hum de de to????????????
 3-police mele me khoye hue bachche se------
"bete tumhare papa ka kya naam hai
"PAPA"
mummy ka naam Batao
"MUMMY"
rahte kahan ho
"GHAR ME"
ghar kaha hai?
"MONU KE GHAR KE SAMNE"
monu ka ghar kahan hai
"MERE GHAR KE SAMNE
are dono ghar kaha hai
"AAMNE-SAAMNE"

मंगलवार, 11 अक्तूबर 2011

you love because..................

you love because you weep,
you weep because you hurt,
you hurt because you fail,
you fail because you try,
you try because you need,
you need because you want,
you want because you feel,
you feel because you live,
you live because you love,
         so keep loving your self along with your life

शुक्रवार, 7 अक्तूबर 2011

smile

1 teacher-OXFORD means kya hota hai
student-ox mane bell ayr ford means gadi 
oxford means BELLGADI

2.ek 80 saal ka admi ne 25 saal ki ladki se vivah kiya.to logo ne fero ke samay phoolo ki jagah vitamin ki goliyan feki.shaadi ke baad ek patrakar ne ladki se poochha apne in me kya dekh kar shaadi ki
ladki ne jawab diya-ek to inki INCOM aur doosra inke DIN KUM

3.SHEELA doctor se-doctor sahab mujhe daant nikalwana hai
 DOCTOR-nurse sunn karne ka injection lagao
SHEELA-are iski kya jaroorat hai bina sunn kiye nikal do time kum hai
DOCTOR-aap to bahut bahadur hai chalo vese hi nikal deta hoo
SHEELA-(bahar a kar pati se)-suno ji chalo apna daant nikalva lo...........

4-us ladki ko kya kahege jo kabhi hansti n ho???????
                     "HASEENA"

गुरुवार, 29 सितंबर 2011

Time

Time is free,but it's priceless,
you can't own it but you can use it.
you cant keep it, but you can spend it.
once you've lost it
you can never get it back

शुक्रवार, 16 सितंबर 2011

jiyo dil se

jese sangeet ke utar chadhao ke saath hi ek karn prya geet banta hai usi tarah jindgi bhi sukh dukh ke saath chalti rahti hai.lekin hum sukh pane ki chah me jindgi jeena bhool jate hain

ooob

oob bahut sari buraio ki jad hai.oob ka arth hota hai apne ko poori tarah se nirash ho kar nakar dena